काशी का सबसे रहस्यमयी मंदिर, साल में सिर्फ एक दिन खुलते हैं कपाट
क रहस्यमयी मंदिर है पितामहेश्वर महादेव का मंदिर, जो सालभर बंद रहता है और केवल महाशिवरात्रि के दिन ही इसके कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते हैं।
यह काशी विश्वनाथ मंदिर से लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर चौक क्षेत्र में है। मंदिर का शिवलिंग जमीन से 40 फीट नीचे स्थापित है और यहां तक पहुंचने के लिए एक संकरी, गुफानुमा तीन फीट चौड़ी गली से गुजरना पड़ता है।
इस मंदिर की खासियत यह है कि इसके कपाट सावन जैसे पवित्र महीनों में भी नहीं खुलते। सालभर श्रद्धालु सिर्फ शिवलिंग के ऊपर बने एक छोटे से छेद के माध्यम से जलाभिषेक करते हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव जब काशी आए, तब उन्होंने यहां पितामहेश्वर के रूप में स्थापित होकर भक्तों का कल्याण करने का आशीर्वाद दिया।
पितामहेश्वर महादेव की पूजा करने और श्राद्ध कर्म करने से 21 कुलों का उद्धार हो जाता है। यह मंदिर पितरों के कल्याण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
मंदिर के शिवलिंग के ऊपर एक बड़ा सा छेद है, जिससे भक्त जलाभिषेक और दर्शन करते हैं।
श्रद्धालु इस रहस्य को जानने के लिए उत्सुक रहते हैं कि कैसे 40 फीट नीचे स्थापित शिवलिंग पर जल चढ़ता है।
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