8th Pay Commission News: केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर आई है। 2025 के केंद्रीय बजट से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को मंजूरी दे दी गई है। लंबे समय से इस पर अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन अब यह साफ हो गया है कि नए वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी।
8वें वेतन आयोग का गठन क्यों महत्वपूर्ण?
भारत में हर वेतन आयोग का कार्यकाल 10 साल का होता है। सातवां वेतन आयोग (7th Pay Commission) 1 जनवरी 2016 को लागू हुआ था और इसका कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त होगा। ऐसे में 8वें वेतन आयोग को समय पर लागू करने के लिए इसका गठन पहले ही कर दिया गया है।
सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों के संगठनों ने पिछले कई महीनों से इसकी मांग की थी। इस मांग को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट ने बजट से पहले ही इसे मंजूरी दे दी है। अब नए आयोग का कार्य, अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति पर काम शुरू किया जाएगा।
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8th Pay Commission: कौन होंगे लाभार्थी?
नए वेतन आयोग के लागू होने से लगभग 60 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 67 लाख पेंशनधारक लाभान्वित होंगे। यह फैसला केवल केंद्रीय कर्मचारियों तक ही सीमित नहीं है। नए आयोग के गठन से राज्य सरकार के कर्मचारियों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) के कर्मचारियों को भी इनडाइरेक्टली लाभ होगा।
7वें वेतन आयोग का अनुभव और सरकार की रणनीति
सातवें वेतन आयोग का गठन 2014 में यूपीए सरकार के दौरान किया गया था, लेकिन इसकी सिफारिशें 2016 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने लागू की थीं। इसके तहत न्यूनतम वेतन में भारी वृद्धि हुई थी। इसी क्रम में, 8वें वेतन आयोग को लेकर उम्मीद की जा रही है कि यह भी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में अच्छी बढ़ोतरी सुनिश्चित करेगा। इस बार सरकार ने समय से पहले इस मुद्दे को सुलझाने का फैसला लिया है ताकि 2026 तक नई सिफारिशों को लागू किया जा सके।
पे पैनल सिस्टम पर भी चर्चा
पिछले कुछ महीनों से ऐसी खबरें थीं कि सरकार पे पैनल सिस्टम को समाप्त कर एक नई व्यवस्था लाने की योजना बना रही है। लेकिन 8वें वेतन आयोग के गठन के साथ ही इन सभी अटकलों पर विराम लग गया है। अब यह स्पष्ट है कि सरकार वेतन आयोग प्रणाली को जारी रखेगी।
कर्मचारी संगठनों की मांग और सरकार की प्रतिक्रिया
हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुई कस्टमरी प्री-बजट मीटिंग में कर्मचारी संगठनों ने आठवें वेतन आयोग की आवश्यकता पर जोर दिया था। इसमें उन्होंने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के हितों को ध्यान में रखते हुए सिफारिशें पेश की थीं। कर्मचारी संगठनों ने यह भी कहा था कि महंगाई और जीवन स्तर में बदलाव को देखते हुए वेतन आयोग की सिफारिशें बहुत महत्वपूर्ण हैं। सरकार ने उनकी इस मांग को गंभीरता से लिया और समय से पहले आयोग का गठन करने का निर्णय लिया।
8वें वेतन आयोग का गठन सरकार का एक अहम कदम है, जो सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। इस फैसले से न केवल कर्मचारियों को राहत मिलेगी, बल्कि उनकी सैलरी और पेंशन में सुधार भी होगा।
अब सरकार की अगली प्राथमिकता आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति और सिफारिशों की समय पर तैयारी होगी, ताकि 1 जनवरी 2026 से इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।